हालात की क्या हैसियत की वो मुझे झुका सके……. यह तो जज़्बात है जो हर बार मुझे थका देते है

हालात की क्या हैसियत की वो मुझे झुका सके……. यह तो जज़्बात है जो हर बार मुझे थका देते है

हालात की क्या हैसियत की वो मुझे झुका सके
यह तो जज़्बात है जो हर बार मुझे थका देते है…..

हिमानी “अज्ञानी”

बेवज़ह कई बार खुद को यूँ ही थका हुआ महसूस करते है हम… चाहे कितना ही लम्बा आराम क्यों न किया हो। किसी काम को करने का मन नहीं करता, शरीर खुद को ही बोझ सा लगता है…. कही ऐसा तो नहीं की मेरी रूह थक गई हो और मुझे लग रहा है की जिस्म थक गया है !!!!

क्या आपको भी यह महसूस होता है आपकी आत्मा थक चुकी है!!!! यूँ तो कई वज़ह हो सकती है इस रूहानी थकन की लेकिन कुछ खास बातें है जो हमें अंदर ही अंदर खली कर देती है, जानते है वो क्या है ??

वो अहम बातें या घटनाये जो आपको अंदर से खाली कर रही है:

१. हम सबके जीवन काल में ऐसा समय आता है, जब हम खुद को प्रेरणा रहित महसूस करते हैं ऐसा लगता है की कोई उद्देश्य ही नहीं है, कोई भी काम ज़रूरी नहीं लगता यह वो दौर है जो रूह को थका देता है

२. जब हमें लगता है की हम थक चुके हैं और हमें एक लम्बे आराम जरुरत है लेकिन आराम के बाद भी खुद को थका महसूस करते है तो यह एक संकेत हो सकता है की आपकी आत्मा थक चुकी है।

३. अच्छे खान पान और संतुलित रहन सहन के बाद भी शरीर अनचाही छोटी मोती बीमारियों से घिरा रहता है, तुरंत ही किसी भी प्रकार की एलर्जी या संक्रमण आपको घेर लेता है, संभल जाइये आपकी रूह को थकान होने लगी है।

४. आप जानते है की आप किन सामाजिक व् पारिवरिक ज़िम्मेदारियों से घिरे है लेकिन इसके बावजूद आप खुद को मानसिक रूप से तैयार नहीं कर पते उन कामों को पूरा करने के लिए जो अधूरे पड़े है।

५. आपकी आत्मिक ऊर्जा जो आपके भीतर बहती है और जब आप इस प्रवाह से संबंध खो देते हैं, तो आपकी ऊर्जा कमजोर हो सकती है। आपके अंदर की ऊर्जा की लौ में झिलमिलाहट शुरू हो जाता है। आपको हर छोटी सी उलझन पर झुंझुलाहट होने लगी है।

६. आप कही किसी और दुनिया में विचारहीन या यूँ कह लीजिये की शून्य हो कर रहना चाहते है, विशेष रूप से उन लोगो या परिस्थितियों से दूर जो आपके लिए काफी सहजता से उपलब्ध है।

७.अपने आप से ही सच छुपाना, वो सब बोलना जो आप ना बोलना चाहते हो या कुछ ऐसा करना जो आपका उद्देश्य न हो।छोटी बहस या गपशप में उलझना, नकारात्मक एवं छोटी सोच वाले लोगो के साथ समय व्यतीत करना, नकारात्मक आत्म-चर्चा या अतीत का प्रभाव वर्तमान से नहीं जाने देना अपने आप को अव्यवस्था से घेरे रखना, अपने आप में कमी या ऊर्जा का अभाव महसूस करना, आत्म-प्रेम का अभाव यह सब रूह के थकने के लक्षण है।

८. आत्मा लंबे समय से थका हुआ महसूस कर रही हो, तो यह आप में अवसाद, प्रेरणा की कमी, मानसिक उपहारों या अंतर्ज्ञान की हानि के रूप में प्रकट हो सकती है और यह आप में नशे की लत या जुनूनी व्यवहार भी पैदा कर सकता है।

ये समाधान लाभकारी होंगे

अगर आपकी आत्मा थक गई है, तो आपको कुछ महत्वपूर्ण व आवश्यक बदलाब करने जरुरत होती है। सर्व प्रथम हमें समस्या की जड़ को पहचानना होगा। एक बार जब आप समस्या का कारण पहचान जायेंगे, तो आप इससे सम्बंधित परिवर्तन करने में सक्षम होंगे।

थके हुए आत्मा को ठीक करने में आपकी सहायता के लिए कुछ सुझाव :

अपनी ऊर्जा को आध्यत्म, ध्यान व् चिंतन के द्वारा रिचार्ज करें। रचनात्मक कार्य करें या ऐसा कुछ करें जो आपके मन को प्रसन्न करे, सकारात्मक आत्मविश्वास और प्रेमपूर्ण पुष्टिओं का अभ्यास करें, खुद से प्यार करें जो बेहद आवश्यक है।

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